Sunday, August 9, 2009

आ‌र्म्ड फोर्सेस ट्रिब्यूनल का उद्घाटन

JAGRAN– HINDI DAILY, Aug 08, 06:44 pm
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने शनिवार को थल सेना, नौसेना और वायु सेना के सदस्यों को उनकी सेवाओं से संबंधित न्याय दिलाने के लिए सशस्त्र बल पंचाट [आ‌र्म्ड फोर्सेस ट्रिब्यूनल] का उद्घाटन किया। बहुप्रतीक्षित पंचाट 15 लाख सैन्यकर्मियों और करीब 20 लाख से ज्यादा पूर्व सैनिकों की समस्याओं का समाधान करने के लिए न्यायिक फोरम है।
राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि पंचाट उनके आत्मविश्वास को बढ़ाएगा। पाटिल ने कहा कि एएफटी नियम, कायदे और काम करने के तरीके बना सकता है जो उसके मकसद को प्रभावी तरीके से पूरा करेगा।
उद्घाटन समारोह के दौरान उन्होंने कहा, 'ट्रिब्यूनल की स्थापना करने वाला अधिनियम नागरिक प्रक्रिया संहिता से बंधा हुआ नहीं है और इसलिए इसकी प्रक्रियाओं में लचीलापन है।' पाटिल ने कहा कि एएफटी को मामलों को लंबित करने से बचना चाहिए क्योंकि इससे इसकी स्थापना का उद्देश्य ही खत्म हो जाएगा।
पंचाट को नई तकनीकों का उपयोग करने की सलाह देते हुए राष्ट्रपति ने कहा, 'मामलों की सूची और उनकी सुनवाई की तारीख को आनलाइन रखा जाना चाहिए।' दिसंबर 2007 में संसद के एक अधिनियम के तहत स्थापित पंचाट 11 अगस्त से काम करना शुरू कर देगा।
पंचाट की मुख्य शाखा नई दिल्ली में होगी, जबकि देश भर में इसकी आठ क्षेत्रीय शाखाएं होंगी जहां सेना के जवान कोर्ट मार्शल की सजा को चुनौती दे सकेंगे। इसे सेना की हिरासत में रखे किसी भी व्यक्ति को जमानत देने की शक्ति भी होगी। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश ए के माथुर को पंचाट का पहला अध्यक्ष बनाया गया है।
पंचाट को भारतीय सेना के इतिहास में मैग्ना कार्टा [1215 में जारी स्वतंत्रता का महान घोषणापत्र] की संज्ञा देते हुए कानून एवं न्याय मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने कहा कि पंचाट सेना की समस्याओं के समाधान के लिए मंच का काम करेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि पंचाट में नौकरशाही हावी नहीं रहेगी।
भारत के प्रधान न्यायाधीश के जी बालाकृष्णन ने कहा कि पंचाट सैन्यकर्मियों को बेहतरीन न्याय दिलाएगा खासकर उन लोगों को जो सुदूरवर्ती एवं अगम्य इलाकों में रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सामान्य धारणा थी कि कोर्ट मार्शल के अधिकारी निष्पक्ष न्याय नहीं करते। उन्होंने कहा कि पंचाट की सफलता का मानदंड होगा कि वह निष्पक्ष और त्वरित न्याय करे।
इस अवसर पर रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने कहा कि पंचाट सैन्य न्याय प्रणाली में रिक्त स्थान को भरेगा। समापन अवसर पर रक्षा राज्यमंत्री एम एम पल्लम राजू ने कहा कि पंचाट से सेना के जवानों के लिए न्याय के नए युग की शुरुआत हुई है।

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